21 फरवरी को मध्यान्ह 1 बजे लखनऊ विश्वविद्यालय में पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का मंगल प्रवचन।
पारस चैनल पर प्रातः ६ से ७ बजे तक देखें पू.श्री ज्ञानमती माताजी एवं श्री चंदनामती माताजी के प्रवचन |
ऋषभनाथ
श्री ऋषभनाथ भगवान
जन्मभूमि - अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
पिता - महाराज नाभिराय
माता - महारानी मरुदेवी
वर्ण - क्षत्रिय
वंश - इक्ष्वाकु
देहवर्ण - तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह - बैल
आयु - चौरासी लाख पूर्व वर्ष
अवगाहना - दो हजार हाथ
गर्भ - आषाढ़ कृ.२
जन्म - चैत्र कृ.९
तप - चैत्र कृ.९
दीक्षा-केवलज्ञान वन एवं वृक्ष - प्रयाग-सिद्धार्थवन, वट वृक्ष (अक्षयवट)
प्रथम आहार - हस्तिनापुर के राजा श्रेयांस द्वारा (इक्षुरस)
केवलज्ञान - फाल्गुन कृ.११
मोक्ष - माघ कृ.१४
मोक्षस्थल - कैलाश पर्वत
समवसरण में गणधर - श्री वृषभसेन आदि ८४
समवसरण में मुनि - चौरासी हजार
समवसरण में गणिनी - आर्यिका ब्राह्मी
समवसरण में आर्यिका - तीन लाख पचास हजार
समवसरण में श्रावक - तीन लाख
समवसरण में श्राविका - पांच लाख
जिनशासन यक्ष - गोमुख देव
जिनशासन यक्षी - चक्रेश्वरी देवी
भगवान ऋषभदेव वर्तमान वीर नि.सं.२५३९ से ३९४९३वर्ष कम, सौ लाख करोड़ सागर अर्थात् एक कोड़ाकोड़ी सागर वर्ष पहले मोक्ष गए हैं। इससे चौरासी लाख पूर्व वर्ष पहले जन्में हैं।