21 फरवरी को मध्यान्ह 1 बजे लखनऊ विश्वविद्यालय में पूज्य गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का मंगल प्रवचन।
पारस चैनल पर प्रातः ६ से ७ बजे तक देखें पू.श्री ज्ञानमती माताजी एवं श्री चंदनामती माताजी के प्रवचन |
शांतिनाथ की जन्मभूमि, हस्तिनापुरी विख्यात
शांतिनाथ की जन्मभूमि, हस्तिनापुरी विख्यात
जम्बूद्वीप की रचना से, पावन हुई वो धरती आज।। टेक.।।
विश्वसेन नृप ऐरा देवी, का था महल जहाँ पर।
धनकुबेर ने पन्द्रह पहिने, रत्नवृष्टि की जहाँ पर।।
उसी तीर्थ का वंदन करके, करूँ जनम साकार।
जम्बूद्वीप की रचना से, पावन हुई वो धरती आज।।१।।
चक्रवर्ति अरु कामदेव की, पदवी उन्हें मिली थी।
आत्मज्ञान की ज्योती उनके, मन में यहीं जली थी।।
नश्वर जग को छोड़ा क्षण में, षट्खंड का साम्राज।
जम्बूद्वीप की रचना से, पावन हुई वो धरती आज।।२।।
शांति कुंथु अरनाथ प्रभू के, जन्म से है यह पावन।
तीनों प्रभु के चार चार, कल्याणक से मनभावन।।
तीनों ही तीर्थंकर चक्री, कामदेव से ख्यात।
जम्बूद्वीप की रचना से, पावन हुई वो धरती आज।।३।।
इसी भूमि पर ऋषभदेव का, हुआ प्रथम आहार।
जुड़ा यहीं से है समझो, रक्षाबंधन त्योहार।।
मुनि उपसर्ग दूर करने को, आये विष्णुकुमार।
जम्बूद्वीप की रचना से, पावन हुई वो धरती आज।।४।।
गणिनी माता ज्ञानमती, जब से तीरथ पर आर्इं।
नई-नई रचनाएं देकर, महिमा खूब बढ़ाई।।
करे ‘‘चंदनामती’’ वंदना, गुरु पद में भी आज।
जम्बूद्वीप की रचना से, पावन हुई वो धरती आज।।५।।