09.तिलक लगाने का श्लोक
तिलक लगाने का श्लोक
किसी भी मंगलकार्य के अवसर पर विधानाचार्य यजमान के ललाट में तिलक करते समय निम्न श्लोक बोलें—
मंगलं कुंदकुंदाद्यो जैनधर्मोऽस्तु मंगलम्।।
अथवा—
स्ववंशतिलको भूया:, तिलको भारतस्य च।
जिनपादप्रसादात्त्वं, त्रैलोक्यतिलको भव।।
(चंदन या रोली से तिलक लगाकर उसमें अक्षत लगाकर मस्तक पर तीन बार अक्षत क्षेपण करें।)