09.रात्रि भोजन त्याग क्यों आवश्यक
रात्रि भोजन त्याग क्यों आवश्यक
प्रश्न-३६२ चार प्रकार का भोजन कौन सा होता है?
उत्तर-३६२ अन्न-रोटी, पूड़ी आदि, खाद्य-लड्डू, पेड़ा आदि, लेह्म-रबड़ी आदि और पेय-जल, ठंडाई आदि ये चार प्रकार का भोजन है।
प्रश्न-३६३ रात्रि भोजन त्याग में प्रसिद्ध सियार की कथा संक्षेप में कहो?
उत्तर-३६३ एक सियार ने सागरसेन मुनिराज से पास रात्रि भोजन (चतुराहार) का त्याग कर दिया। अत्यंत प्यास से व्याकुल हो एक दिन बावड़ी में पानी पीने उतरा, वहाँ अंधेरा दिखने से रात्रि समझकर ऊपर आ गया। ऊपर प्रकाश देखकर फिर नीचे आ गया। इस प्रकार बार-बार प्रकाश-अंधकार के ऊहापोह में वह रात्रि में पानी का त्याग होने से पानी न पी सकने के कारण मर गया और व्रत के प्रभाव से वह मनुष्य गति में प्रीतिंकर कुमार हो उसी भव से मुनि दीक्षा लेकर कर्मों से छूटकर मुक्त हो गया।
प्रश्न-३६४ रात्रि भोजन करने से क्या गति प्राप्त होती है?
उत्तर-३६४ रात्रि भोजन करने से तिर्यंचगति प्राप्त होती है।
प्रश्न-३६५ रात्रि भोजन करने में कौन-कौन से दोष लगते हैं?