"प्रभु नाम जपने से" के अवतरणों में अंतर
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तन मन का मुरझाया ,उपवन खिलता है | तन मन का मुरझाया ,उपवन खिलता है | ||
अंतर के कोने में ,एक दीपक जलता है | | अंतर के कोने में ,एक दीपक जलता है | | ||
प्रभु नाम जपने ..............|| | प्रभु नाम जपने ..............|| | ||
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श्री पाल प्रभु गुण गाकर ,हाँ गाकर ... | श्री पाल प्रभु गुण गाकर ,हाँ गाकर ... | ||
तूफा में भी पार हुए वो सागर | | तूफा में भी पार हुए वो सागर | | ||
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तन मन का मुरझाया ......... | तन मन का मुरझाया ......... | ||
अंतर के कोने में ............||१|| | अंतर के कोने में ............||१|| | ||
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हो सर्प अगर विषवाला , विषवाला ... | हो सर्प अगर विषवाला , विषवाला ... | ||
कर दो मन तुम ध्यान बने जयमाला| | कर दो मन तुम ध्यान बने जयमाला| | ||
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तन मन का मुरझाया ......... | तन मन का मुरझाया ......... | ||
अंतर के कोने में ............||२|| | अंतर के कोने में ............||२|| | ||
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प्रभु नाम जपने से नवजीवन मिलता है , | प्रभु नाम जपने से नवजीवन मिलता है , | ||
तन मन का मुरझाया ,उपवन खिलता है | तन मन का मुरझाया ,उपवन खिलता है | ||
पंक्ति २३: | पंक्ति २८: | ||
प्रभु नाम जपने ............. | प्रभु नाम जपने ............. | ||
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११:१६, १२ जून २०२० के समय का अवतरण
प्रभु नाम जपने से
तर्ज - ये शांत छवि तेरी ..........
प्रभु नाम जपने से नवजीवन मिलता है ,
तन मन का मुरझाया ,उपवन खिलता है
अंतर के कोने में ,एक दीपक जलता है |
प्रभु नाम जपने ..............||
श्री पाल प्रभु गुण गाकर ,हाँ गाकर ...
तूफा में भी पार हुए वो सागर |
चंदनबाला दर्शन से , दर्शन से ..
देखो पल में मुक्त हुई बंधन से |
तन मन का मुरझाया .........
अंतर के कोने में ............||१||
हो सर्प अगर विषवाला , विषवाला ...
कर दो मन तुम ध्यान बने जयमाला|
भव ताप सभी गल जाये , गल जाये ...
दर्शन करके संताप सभी मिट जाये |
तन मन का मुरझाया .........
अंतर के कोने में ............||२||
प्रभु नाम जपने से नवजीवन मिलता है ,
तन मन का मुरझाया ,उपवन खिलता है
अंतर के कोने में ,एक दीपक जलता है |
प्रभु नाम जपने .............