प्रभु नाम जपने से
प्रभु नाम जपने से
तर्ज - ये शांत छवि तेरी ..........
<poem>तन मन का मुरझाया ,उपवन खिलता है अंतर के कोने में ,एक दीपक जलता है | प्रभु नाम जपने ..............|| श्री पाल प्रभु गुण गाकर ,हाँ गाकर ... तूफा में भी पार हुए वो सागर | चंदनबाला दर्शन से , दर्शन से .. देखो पल में मुक्त हुई बंधन से | तन मन का मुरझाया ......... अंतर के कोने में ............||१|| हो सर्प अगर विषवाला , विषवाला ... कर दो मन तुम ध्यान बने जयमाला| भव ताप सभी गल जाये , गल जाये ... दर्शन करके संताप सभी मिट जाये | तन मन का मुरझाया ......... अंतर के कोने में ............||२|| प्रभु नाम जपने से नवजीवन मिलता है , तन मन का मुरझाया ,उपवन खिलता है अंतर के कोने में ,एक दीपक जलता है |
प्रभु नाम जपने .............